हाथरस। हाथरस सांसद राजेश कुमार दिवाकर ने लोकसभा में किसानों से सम्बन्धित जानकारी मांगी। श्री दिवाकर ने पूछा कि क्या कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या सरकार असम सहित देश के प्रचुर श्रोतों वाले पूर्वी क्षेत्रों में कृषि क्षेत्रों के विकास करने को प्राथिमिकता दे रही है, यदि हाॅ तो तत्सम्बन्धी ब्यौरा क्या है तथा गत तीन वर्षो के दौरान एवं चालू वर्ष के दौरान विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत इस उद्देश्य हेतु आवंटित एवं उपयोग की गई राशि का राज्यवार ब्यौरा क्या है।
क्या सरकार ने असम एवं देश के पूर्वी क्षेत्रों में कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु द्वितीय हरित क्रान्ति की शुरूआत की है, यदि हाॅ तो तत्सम्बन्धी ब्यौरा क्या है एवं उपर्युक्त अवधि के दौरान आवंटित, जारी एवं उपयोग की गई राशि का राज्य-वार/संघ राज्यक्षेत्र-वार ब्यौरा क्या है। क्या उपर्युक्त क्षेत्र में द्वितीय हरित क्रान्ति की शुरूआत के बाद कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, यदि हाॅ तो तत्सम्बन्धी राज्य एवं फसल-वार ब्यौरा क्या है तथा इससे अब तक कितने किसान लाभान्वित हुए है। क्या सरकार का विचार असम सहित देश के विभिन्न भागों में फसलों को कीटों के हमले से बचाने हेतु बहु/दो फसल पैटर्न को बढ़ावा देने का है, यदि हाॅ तो तत्सम्बन्धी ब्यौरा क्या है और देश में कृशि क्षेत्र के सतत् विकास एवं खाद्य सुरक्षा हेतु सरकार द्वारा क्या कदम उठाये गये हैं। इसके उत्तर में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में राज्यमंत्री एस.एस. अहलूवालिया जी ने बताया कि हाॅ, सरकार असम सहित देश के संसाधन सम्पन्न क्षेत्रों में कृषि क्षेत्र को विकसित करने के लिये खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम), राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई), आरकेवीवाइ की उपस्कर भारत में हरित क्रान्ति लाना (बीजीआरईआई), समेकित बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) आदि विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। सरकार चावल आधारित फसलीय प्रणाली की उत्पादकता को सीमित रखने वाली रूकावटों को दूर करने के उद्देष्य से असम सहित देश के पूर्वी क्षेत्रों में बीजीआरईआई का कार्यान्वयन कर रही है।
क्या सरकार ने असम एवं देश के पूर्वी क्षेत्रों में कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु द्वितीय हरित क्रान्ति की शुरूआत की है, यदि हाॅ तो तत्सम्बन्धी ब्यौरा क्या है एवं उपर्युक्त अवधि के दौरान आवंटित, जारी एवं उपयोग की गई राशि का राज्य-वार/संघ राज्यक्षेत्र-वार ब्यौरा क्या है। क्या उपर्युक्त क्षेत्र में द्वितीय हरित क्रान्ति की शुरूआत के बाद कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, यदि हाॅ तो तत्सम्बन्धी राज्य एवं फसल-वार ब्यौरा क्या है तथा इससे अब तक कितने किसान लाभान्वित हुए है। क्या सरकार का विचार असम सहित देश के विभिन्न भागों में फसलों को कीटों के हमले से बचाने हेतु बहु/दो फसल पैटर्न को बढ़ावा देने का है, यदि हाॅ तो तत्सम्बन्धी ब्यौरा क्या है और देश में कृशि क्षेत्र के सतत् विकास एवं खाद्य सुरक्षा हेतु सरकार द्वारा क्या कदम उठाये गये हैं। इसके उत्तर में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में राज्यमंत्री एस.एस. अहलूवालिया जी ने बताया कि हाॅ, सरकार असम सहित देश के संसाधन सम्पन्न क्षेत्रों में कृषि क्षेत्र को विकसित करने के लिये खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम), राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई), आरकेवीवाइ की उपस्कर भारत में हरित क्रान्ति लाना (बीजीआरईआई), समेकित बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) आदि विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। सरकार चावल आधारित फसलीय प्रणाली की उत्पादकता को सीमित रखने वाली रूकावटों को दूर करने के उद्देष्य से असम सहित देश के पूर्वी क्षेत्रों में बीजीआरईआई का कार्यान्वयन कर रही है।


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