हाथरस। जिसके साथ जैसा व्यवहार किया जाता है उसका फल उसी अनुसार उसे उसके द्वारा या प्रकृति के द्वारा मिल जाता है। जिस प्रकार से आज जल की कीमत को न पहचान कर मुफ्त का माल समझकर दुरुपयोग किया जा रहा है। एक दिन वह भी आयेगा जब जल के दर्शन दुर्लभ हो जायेगे और संसार को बाद में जल ही नष्ट कर देगा। इसलिए इसके संरक्षण पर न केवल ध्यान दो बल्कि दूसरों का भी ध्यान आकर्षित करो। कुछ इस प्रकार के भावों की अभिव्यक्ति ब्रह्माकुमारीज़ जल संरक्षण जागरूकता अभियान के अन्तर्गत आरपीएम काॅलेज में 9 यूपी बटालियन के कमांडिग आफीसर और कैम्प कमाण्डेण्ट कर्नल आरके कौशल के सानिध्य में लगाये जा रहे वार्षिक शिविर में आये हुए 500 एनसीसी कैडिटों के मध्य प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के वक्ताओं ने की।
कार्यक्रम के आरम्भ में बीके दुर्गेश बहिन द्वारा संस्था के 140 देशों में 20 प्रभागों के माध्यम से चलाये जा रहे विभिन्न अभियानों की जानकारी कैडिटों को दी। इसके बाद जल संरक्षण कार्यक्रम समन्वयक बीके दिनेश भाई ने जल संरक्षण सम्बन्धी प्रदर्शनी एवं वीडियो फिल्म के माध्यम से जल की उपयोगिता से बच्चों को विस्तृत रूप में अवगत कराते हुए कहा कि जब कि किसी वस्तु के महत्व को नहीं समझा जाता उसकी कीमत का पता नहीं चलता। इस अवसर पर संसार में जल संकट पर आधारित वीडियो फिल्म के अलावा संसार में जल द्वारा होने वाली भविष्यगत तबाही की वीडियो फिल्म भी दिखाई गई।
बी.के. शान्ता बहिन ने बताया कि आज युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ चारित्रिक व्यवहारिक शिक्षा की बहुत आवश्यकता है। एक आध्यात्मिक व्यक्ति जल ही नहीं प्रकृति के पाँचों तत्वों के प्रति संवेदनशील हो जाता है वह उनकी उसी प्रकार से रक्षा करता है जिस प्रकार से वे तत्व उसकी आवश्यकतापूर्ती करते हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश शर्मा ने पर्यावरण प्रदूषण में शामिल जल, ध्वनि, वायु आदि प्रदूषणों की विभिन्न धाराओं की जानकारी देते हुए कहा कि शुरूआत स्वयं से हो तब जगत का भला होगा।
इस अवसर पर 9 यू0पी0 बटालियन के कमांडिग आफीसर और कैम्प कमाण्डेण्ट कर्नल आर,के कौशल ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्था के सदस्यों द्वारा दी गई जानकारी अमूल्य है और कैडिट इसका लाभ उठायेंगे
इस अवसर पर सह राजयोग शिक्षिका बी.के. दुर्गेश बहिन, बी.के. गजेन्द्र राजेश शर्मा,मेजर सदानन्द शर्मा, सूबेदार मेजर सुभाश चन्द्र, सूबेदार मेजर सुभाष, हवलदार शिशुपाल सहित सभी एन0सी0ओ0, जे0सी0ओ0 आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम के आरम्भ में बीके दुर्गेश बहिन द्वारा संस्था के 140 देशों में 20 प्रभागों के माध्यम से चलाये जा रहे विभिन्न अभियानों की जानकारी कैडिटों को दी। इसके बाद जल संरक्षण कार्यक्रम समन्वयक बीके दिनेश भाई ने जल संरक्षण सम्बन्धी प्रदर्शनी एवं वीडियो फिल्म के माध्यम से जल की उपयोगिता से बच्चों को विस्तृत रूप में अवगत कराते हुए कहा कि जब कि किसी वस्तु के महत्व को नहीं समझा जाता उसकी कीमत का पता नहीं चलता। इस अवसर पर संसार में जल संकट पर आधारित वीडियो फिल्म के अलावा संसार में जल द्वारा होने वाली भविष्यगत तबाही की वीडियो फिल्म भी दिखाई गई।
बी.के. शान्ता बहिन ने बताया कि आज युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ चारित्रिक व्यवहारिक शिक्षा की बहुत आवश्यकता है। एक आध्यात्मिक व्यक्ति जल ही नहीं प्रकृति के पाँचों तत्वों के प्रति संवेदनशील हो जाता है वह उनकी उसी प्रकार से रक्षा करता है जिस प्रकार से वे तत्व उसकी आवश्यकतापूर्ती करते हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश शर्मा ने पर्यावरण प्रदूषण में शामिल जल, ध्वनि, वायु आदि प्रदूषणों की विभिन्न धाराओं की जानकारी देते हुए कहा कि शुरूआत स्वयं से हो तब जगत का भला होगा।
इस अवसर पर 9 यू0पी0 बटालियन के कमांडिग आफीसर और कैम्प कमाण्डेण्ट कर्नल आर,के कौशल ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्था के सदस्यों द्वारा दी गई जानकारी अमूल्य है और कैडिट इसका लाभ उठायेंगे
इस अवसर पर सह राजयोग शिक्षिका बी.के. दुर्गेश बहिन, बी.के. गजेन्द्र राजेश शर्मा,मेजर सदानन्द शर्मा, सूबेदार मेजर सुभाश चन्द्र, सूबेदार मेजर सुभाष, हवलदार शिशुपाल सहित सभी एन0सी0ओ0, जे0सी0ओ0 आदि उपस्थित थे।


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