हाथरस- फसल ऋण मोचन योजना को अंजाम देने के लिये तैयारी

हाथरस। लघु एवं सीमांत किसानों के फसल ऋण मोचन योजना के उत्तर प्रदेश सरकार के निर्णय को अंजाम देने के लिये जिला प्रशासन द्वारा युद्धस्तर पर तैयारी की जा रही है। जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह ने 31 मार्च 16 तक लिये गये और बकाया फसली ऋणों को एक लाख रूपये की सीमा तक माफ किये जाने के लिये जनपद के किसानों का पूरा ब्यौरा  5 जुलाई तक पोर्टल पर अपलोड करने हेतु जिले के सभी बैंकर्स को स्पष्ट निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आगामी 5 अगस्त को जिले में शिविर आयोजित कर पात्र किसानों को ऋण माफी के प्रमाणपत्र देकर लाभांवित किया जायेगा।
कलेक्ट्रेट में लघु एवं सीमांत किसानों के फसल ऋण मोचन योजना के संबंध मे आहुत एक अहम बैठक में जिलाधिकारी ने उत्तर प्रदेश सरकार के लघु एवं सीमांत किसानों के फसली ऋण माफ करने के निर्णय को जनपद में प्रभावी ढंग से लागू करने के बारे में अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने सभी बैंकों के कार्डीनेटर एवं प्रबंधकों से कहा कि वह शासनादेश का अक्षरसः पालन सुनिश्चित करने के लिये पात्र किसानों का पूरा ब्यौरा निर्धारित पोर्टल पर प्रत्येक दशा में 15 जुलाई तक अपलोड करें। उन्होंने बैंक अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि सूची में कोई भी पात्र किसान छूटने न पाये- कडाई से सुनिश्चित किया जाये।
जिलाधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के लघु एवं सीमान्त किसानों के उन्नयन एवं सतत विकास हेतु फसल ऋण मोचन योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने इस योजना को देश के   प्रधानमंत्री के वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दो गुना करने के विजन को प्राप्त करने की दिशा में एक सार्थक कदम बताया और कहा कि यह योजना लघु एवं सीमान्त किसानों के सशक्तिकरण, उनकी कठिनाईयों को दूर करने और कृषि को गति प्रदान किये जाने वाला निवेश है।
श्री अमित कुमार सिंह ने कहा कि यह योजना लघु एवं सीमान्त किसानों को आवश्यक क्षमता वृद्धि करेगी। इसका मुख्य लक्ष्य एक समेकित योजना तैयार करना है ताकि कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि हो सके। उन्होंने बताया कि इस योजना से दो हैक्टेयर कुल क्षेत्रफल स्वामित्व वाले लघु किसान तथा एक हैक्टेयर कुल क्षेत्रफल स्वामित्व वाले सीमान्त किसान लाभांवित होंगे।
मुख्य विकास अधिकारी जावेद अख्तर जैदी ने बताया कि इस योजना के क्रियान्वयन हेतु कृषि विभाग को नोडल विभाग नामित किया गया है। जो अपने आय व्ययक में योजना के पोषण हेतु आवश्यक धनराशि का प्राविधान करायेगा और निस्तारण करेगा। उन्होंने बताया कि योजना से संबंधित शिकायतों का निवारण जिला/ मंडलीय स्तरीय गठित समिति द्वारा किया जायेगा जिसका अनुश्रवण कृषि विभाग द्वारा किया जायेगा।



बैठक में जिला सूचना विज्ञान अधिकारी सोमेश अग्रवाल, अपर जिला सूचना विज्ञान अधिकारी आलोक माहेश्वरी, एलडीएम एके सक्सैना ने लघु एवं सीमांत किसानों हेतु फसल ऋण मोचन योजना के बारे में प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बैठक में बैंक कार्डीनेटर एवं प्रबंधकों की शंकाओं का समाधान किया। उन्होंने सभी बैंक प्रबंधकों से कहा कि वे बैंकवार योजना से लाभांवित होने वाले किसानों का पूरा सटीक ब्यौरा भूलेख मैपिंग, आधार नंबर तथा मोबाईल नंबर सहित प्रत्येक दशा में 15 जुलाई तक निर्धारित पोर्टल पर अवश्य अपलोड कर दें।
बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व रेखा एस.चैहान, परियोजना निदेशक चन्द्रशेखर शुक्ला, जिला विकास अधिकारी मंजू श्रीवास्तव, उप निदेशक कृषि रामप्रताप, जिला कृषि अधिकारी डिपिन कुमार तथा सभी बैंकों के कार्डीनेटर, प्रबंधक तथा अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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