हाथरस/सासनी- जाँच की आँच में जलता योजनाओं का लाभ

हाथरस/सासनी। जाँच की आँच में सरकार द्वारा संचालित  योजनाओं का लाभ कैसे जल कर रह जाता है ये देखना हो तो राजस्व विभाग के उन मठाधीशों की तरफ एक नजर करनी होगी जो जांच के नाम पर योजना की अवधि तक निकाल देते हैं।और इस तरह सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ वास्तविक पात्र को नहीं मिल पाता। आवासीय योजना हो या धन जन योजना या राशन कार्ड की समस्या हो या कन्याधन यजना जैसी कई योजनाएँ तो ऐसी हैं जो लोगों के हाथों से अभी तक इस लिए दूर हैं कि वे उनकी औपचारिकताएँ जब तक पूरी कर पाते हैं तब तक उनकी समय अवधि समाप्त हो जाती है। उन के इस रास्ते का सब से बड़ा पत्थर तो प्रशासन के वे जाँच अधिकारी बनते हैं जो कभी आय प्रमाण पत्र तो कभी निवास या जाति  प्रमाण पत्र के नाम पर आर्थिक दवाब बनाते हुए सच को झूँठ और झूँठ को सच करने की  ताकत रखते हैं द्यजब कि वास्तविकता ये है शासनशक्ति का प्रतीक होता है प्रशासनद्यऔर प्रशासन की कार्य प्रणालीसे जनता शासन की छवि का आंकलन करती है द्यजो लोकतन्त्र कीविशेषता है। लेकिन अव्यवस्थाओं के चलते सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक पात्रों को नहीं मिल पाता है। और ये योजनाएँ सिर्फ सरकारी फाइलों की शोभा बन कर रह जाती हैं ।

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