हाथरस। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा तथा सामाजिक, आर्थिक सशक्तिकरण के लिये 181 वूमैन हैल्पलाईन की शुरूआत की गई है। जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह ने जिले में 181 वूमैन हैल्पलाईन के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिये आज रैस्क्यू वैन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
उन्होंने महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा तथा सामाजिक, आर्थिक सशक्तिकरण के लिये 181 वूमैन हैल्पलाईन के रूप में प्रदेश सरकार की इस अनौखी पहल के बारे में बताया कि 181 एक टोल फ्री नंबर है जो 24 घण्टे 7 दिन कार्य करता है। महिला हैल्पलाईन पर कोई भी महिला या बालिका जो विषम परिस्थितियों से ग्रस्त हो अथवा उसको किसी भी अन्य प्रकार की समस्या या आवश्यकता की पूर्ति हेतु सलाह अथवा सहायता की आवश्यकता हो तो वे 181 टोल फ्री नंबर पर काॅल करके सहायता प्राप्त कर सकती हैं।
डीएम अमित कुमार सिंह ने बताया कि वूमैन हैल्पलाईन का केन्द्रीय काॅल सेंटर लखनऊ में संचालित है। विषम परिस्थिति से ग्र्र्रस्त महिला/बालिका द्वारा काॅल करने पर काॅल सेंटर की प्रशिक्षित टैली काउन्सलर्स द्वारा काॅल करने वाली महिला/ बालिका को परामर्श दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि जनपद में 181 वूमैन हैल्पलाईन के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिये रैस्क्यू वैन प्रत्येक माह न्यूनतम चार ब्लाकों में परिक्रमा करेगी।
जिला प्रौबेशन अधिकारी डा. रामप्रवेश ने 181 वूमैन हैल्पलाईन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यदि कोई महिला ऐसी परिस्थिति में है जिसमें तत्काल घटनास्थल पर पहुॅचकर उसे तत्काल सहायता प्रदान किया जाना आवश्यक है तो ऐसी परिस्थितियों में हैल्पलाईन के साथ जीपीएस सिस्टम युक्त रैस्क्यू वैन के माध्यम से 181 वूमैन हैल्पलाईन की टीम द्वारा घटनास्थल पर पहुॅचकर सहायता प्रदान की जायेगी। रैस्क्यू वैन में एक प्रशिक्षित महिला सुगमकत्र्ता के साथ महिला पुलिस आरक्षी तैनात रहती है, जिनके द्वारा महिलाओं को विषम परिस्थितियों से बचाने व प्रारंभिक सहायता देने का कार्य किया जाता है।
उन्होंने बताया कि रैस्क्यू वैन में मौजूद 181 वूमैन हैल्पलाईन सुगमकर्ता एवं वाहनचालक द्वारा विभागीय योजनाओं तथा 181 वूमैन हैल्पलाईन कर विशेषताएं तथा जनसामान्य के उपयोगार्थ आईईसी पोस्टर, प्रेरणादायक फिल्म, संदेश आदि अलग-अलग जगहों पर रूक-रूक कर जानकारी प्रदान की जायेगी। उन्होंने कहा कि हिंसा से पीडित महिला, बच्चों के प्राथमिक उपचार,चिकित्सीय-विधिक रिपोर्ट(मेडिको लीगल रिपोर्ट), दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के अंर्तगत न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दिलाने, बाल कल्याण समितियों के समक्ष प्रस्तुत करते तथा अल्पप्रवास/दीर्घ प्रवास हेतु आच्छादित जनपदों के अनुरूप महिला, बच्चों को पुनर्वासित किये जाने हेतु रैस्क्यू वैन का उपयोग किया जायेगा।
उन्होंने महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा तथा सामाजिक, आर्थिक सशक्तिकरण के लिये 181 वूमैन हैल्पलाईन के रूप में प्रदेश सरकार की इस अनौखी पहल के बारे में बताया कि 181 एक टोल फ्री नंबर है जो 24 घण्टे 7 दिन कार्य करता है। महिला हैल्पलाईन पर कोई भी महिला या बालिका जो विषम परिस्थितियों से ग्रस्त हो अथवा उसको किसी भी अन्य प्रकार की समस्या या आवश्यकता की पूर्ति हेतु सलाह अथवा सहायता की आवश्यकता हो तो वे 181 टोल फ्री नंबर पर काॅल करके सहायता प्राप्त कर सकती हैं।
डीएम अमित कुमार सिंह ने बताया कि वूमैन हैल्पलाईन का केन्द्रीय काॅल सेंटर लखनऊ में संचालित है। विषम परिस्थिति से ग्र्र्रस्त महिला/बालिका द्वारा काॅल करने पर काॅल सेंटर की प्रशिक्षित टैली काउन्सलर्स द्वारा काॅल करने वाली महिला/ बालिका को परामर्श दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि जनपद में 181 वूमैन हैल्पलाईन के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिये रैस्क्यू वैन प्रत्येक माह न्यूनतम चार ब्लाकों में परिक्रमा करेगी।
जिला प्रौबेशन अधिकारी डा. रामप्रवेश ने 181 वूमैन हैल्पलाईन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यदि कोई महिला ऐसी परिस्थिति में है जिसमें तत्काल घटनास्थल पर पहुॅचकर उसे तत्काल सहायता प्रदान किया जाना आवश्यक है तो ऐसी परिस्थितियों में हैल्पलाईन के साथ जीपीएस सिस्टम युक्त रैस्क्यू वैन के माध्यम से 181 वूमैन हैल्पलाईन की टीम द्वारा घटनास्थल पर पहुॅचकर सहायता प्रदान की जायेगी। रैस्क्यू वैन में एक प्रशिक्षित महिला सुगमकत्र्ता के साथ महिला पुलिस आरक्षी तैनात रहती है, जिनके द्वारा महिलाओं को विषम परिस्थितियों से बचाने व प्रारंभिक सहायता देने का कार्य किया जाता है।
उन्होंने बताया कि रैस्क्यू वैन में मौजूद 181 वूमैन हैल्पलाईन सुगमकर्ता एवं वाहनचालक द्वारा विभागीय योजनाओं तथा 181 वूमैन हैल्पलाईन कर विशेषताएं तथा जनसामान्य के उपयोगार्थ आईईसी पोस्टर, प्रेरणादायक फिल्म, संदेश आदि अलग-अलग जगहों पर रूक-रूक कर जानकारी प्रदान की जायेगी। उन्होंने कहा कि हिंसा से पीडित महिला, बच्चों के प्राथमिक उपचार,चिकित्सीय-विधिक रिपोर्ट(मेडिको लीगल रिपोर्ट), दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के अंर्तगत न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दिलाने, बाल कल्याण समितियों के समक्ष प्रस्तुत करते तथा अल्पप्रवास/दीर्घ प्रवास हेतु आच्छादित जनपदों के अनुरूप महिला, बच्चों को पुनर्वासित किये जाने हेतु रैस्क्यू वैन का उपयोग किया जायेगा।


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