हाथरस/हसायन। क्षेत्र में बरसात होने के बाद से ही बुखार का प्रकोप बढता जा रहा है। कस्वा में बायरल बुखार के मरीजो का पैथोलोजी की गलत रिर्पोटो के आधार पर सही इलाज न बन पाने के कारण बुखार के मियांदी बन जाने के कारण यही बुखार जानलेवा साबित होता जा रहा है। इस दौरान कस्वे में बैठे झोलाछापो के द्वारा जमकर चांदी काटी जा रही है। मरीजो की हालात में सुधार न हो पाने व हालात बिगडने पर झोलाछापो कें द्वारा मरीजो को बाहर के लिए भेज दिया जाता है। कस्वा क्षेत्र के गांव सैंगला में होमगार्ड हरेन्द्र सिह के तीन बर्षीय पुत्र ऋितिक को पांच दिन पूर्व बुखार आया था। हरेन्द्र सिह ने बताया कि उन्होने कस्बा के ही झोलाछाप चिकित्सक डा.फारूख अली व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के पास स्थित एक झोलाछाप के हास्पीटल से ऋितिक का इलाज भी करवाया। इस दौरान दोनो जगहो पर बच्चे का उपचार कराने के दौरान जब ऋितिक के बुखार में फायदा नही हुआ तो वह बच्चे को लेकर हाथरस भी गए। मगर वहां पर रात्रि को प्राइबेट चिकित्सालयो में किसी ने भी दरवाजा नही खोला। साथ ही बांगला जिला चिकित्सालय में भी चिकित्सको के द्वारा बच्चे को देखने की बजाए अलीगढ ले जाने के लिए कह दिया। इस दौरान हरेन्द्र सिह अपने बच्चे को आगरा ले गए। जहां पर प्राइबेट चिकित्सालयो के चिकित्सको ने ऋितिक की नाजुक हालात देखकर इलाज करने से मना कर दिया। इस दौरान ऋितिक ने बुखार के कारण दम तोड दिया। वही शनिवार को गांव सैंगला में तीन बर्षीय बालक ऋितिक का शव पहुंचने पर चीख पुकार मच गई।
हाथरस/हसायन- गांव सैंगला में दिमागी बुखार से तीन बर्षीय बच्चे की मौत
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