आरपीएम संस्थान के 16 वें वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में श्रीमद् भागवत कथा का हुआ शुभारम्भ

हाथरस। आरपीएम संस्थान के 16 वें वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में श्रीमद् भागवत कथा का शुभारम्भ कलश यात्रा के साथ हुआ।  कलश यात्रा आरपीएम डिग्री कालेज से प्रारम्भ होकर बोहरेबाली देवी दर्शन करती हुई कथा स्थल पर कलश यात्रा  का समापन किया गया। कलश यात्रा का जगह जगह स्वागत पुष्प वर्षा से किया गया तथा । कलश यात्रा के उपरांत उमाशंकर शंकर लार्ड साहब एवं भारतीय खाद्य निगम भारत सरकार के सदस्य डा0 अविन शर्मा ने श्रीमद् भागवत कथा ेवाचक भानपुरा पीठ के श्रीमज्जगद्गरू शंकराचार्य स्वामी श्री दिव्यानन्द जी महाराज का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस दौरान महाराज ने कथा सुनाते हुए कहा कि जीवन मरण ईश्वर के हाथ में है। प्रभु संकीर्तन से हमें मोक्ष की प्राप्ति होती है। राजा परीक्षित को ज्ञान प्राप्त होने पर वह गंगा तट पर गए, वहां पर उनका साक्षात्कार वेदव्यास के पुत्र सुखदेव से हुआ। परीक्षित ने सुखदेव से अपने मोक्ष का उपाय पूछा तो सुखदेव ने परीक्षित को कहा कि आज में आपसे संसार की उत्पत्ति से मोक्ष तक की कथा का वर्णन सुनाता हूं। सुखदेव ने बताया कि ब्रह्मा जी के अंग से मनु और शतरूपा नाम के युगल की उत्पत्ति हुई। उन्हीं से मनुष्य की वंशावली पैदा हुई। तत्पश्चात व्यासपीठ से भागवत कथा की अगले वर्णन में महाराज ने हिरण्याक्ष व हिरण्यकश्यप तथा दक्ष प्रजापति की कथा का विस्तारपूर्वक वर्णन करते हुए बताया कि राजा दक्ष प्रजापति ने एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया। उसमें पहुंची दक्ष की पुत्री सती के समक्ष भगवान शिव का अपमान करने के फलस्वरूप सती ने दक्ष का यज्ञ भंग करने के लिए अपनी स्वयं की आहुति यज्ञ मे दे दी। कथा में डारीलाल जी शर्मा, निर्मला शर्मा,क्षमा शर्मा,उमेश शर्मा, देश दीपक रावत, दिनेश लवानियां, रोतान सिंह, ब्लाॅक प्रमुख महावीर तिवारी, विपिन लवानियां, संजय शर्मा, मीनाक्षी शर्मा, अनुराग शर्मा, अमित पण्डित, आयुष शर्मा, राहुल शर्मा आदि लोग उपस्थित रहे।

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