हाथरस। क्षेत्र के गांव नगला मया के ग्रामीणों ने एक बार फिर से आंदोलन का विगुल फूंक दिया है। मीठे पानी की मांग को लेकर ग्रामीण आमरण अनशन कर रहे हैं। शासन प्रशासन की वादाखिलाफी के कारण ग्रामीण एक बार फिर से आमरण अनशन की राह पर आने को मजबूर हुये हैं। अब सरकार की जगह ग्रामीण भगवान से मीठे पानी की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने आने वाले सभी चुनावों के वहिष्कार की घोषणा भी कर दी है। यहां क्षेत्र में कई किलोमीटर तक मीठा पानी नहीं है। जिले की 61 पंचायत खारे पानी की समस्या से ग्रस्त हैं। खारे पानी के कारण यहां के लोग कई तरीके की बीमारी से भी ग्रस्त रहते हैं। ग्रामीणों के धैर्य ने अब जबाव दे दिया है। और उन्होंने आमरण अनशन का सहारा लिया है।
आपको बतादें की हाथरस जिले की 61 पंचायतों में मीठा पानी नही है। इन गाँवों में रहने वाले लोगों को कई किलोमीटर दूर से पीने के लिए मीठा पानी लाना पड़ता है। समय समय पर ग्रामीणों द्वारा इस समस्या के समाधान के लिए आवाज उठाई जाती रही है पर आजादी से अब तक इन लोगो को नेता और अधिकारियों के आश्वाशन तो खूब मिले हैलेकिन इनकी समस्या का समाधान आजतक नही हुआ है। इस समस्या से परेशान नगला मया और आसपास के ग्रामीणों ने पहले भी 37 दिन तक धरना प्रदर्शन किया था। तब डीएम एसडीएम और विधायक के द्वारा 2 माह में समस्या समाधान का आस्वासन दिया गया था लेकिन 3 माह निकल जाने बाद भी जब ग्रामीणों को मीठा पानी नहीं मिला तो सरकार और प्रशासन की वादा खिलाफी के कारण ये ग्रामीण फिर आंदोलन की राह पर उतर आये है। अब इन ग्रामीणों को सरकार से पानी की कोई उम्मीद नही है। इसलिए अब यह लोग भगवान के आगे आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। वही शासन प्रशासन की बुद्धी शुद्धि के लिए यज्ञ भी कर रहे हैं। साथ ही खारे पानी की समस्या से ग्रस्त पंचायतों ने पानी नही तो वोट नहीं के गाँव-गाँव में बैनर लगा दिए है। ग्रामीणों की माने तो कितना भी जरूरी काम हो कही भी बाहर जाना हो पर जा नहीं पाते है। जाने से पहले पीने के पानी की व्यवस्था करके जाना पड़ता है। देर सवेर लड़कियों को काफी दूर से पानी भरकर लाना पड़ता है। अगर इनके साथ कोई घटना हो जाए तो कौन जिम्मेद्दार होगा । अब देखना यह होगा की प्रशासन इन ग्रामीणों की समस्या खत्म करवाकर इनका अनशन समाप्त करवाएगा या ग्रामीणों का ये अनशन जारी रहेगा।
आपको बतादें की हाथरस जिले की 61 पंचायतों में मीठा पानी नही है। इन गाँवों में रहने वाले लोगों को कई किलोमीटर दूर से पीने के लिए मीठा पानी लाना पड़ता है। समय समय पर ग्रामीणों द्वारा इस समस्या के समाधान के लिए आवाज उठाई जाती रही है पर आजादी से अब तक इन लोगो को नेता और अधिकारियों के आश्वाशन तो खूब मिले हैलेकिन इनकी समस्या का समाधान आजतक नही हुआ है। इस समस्या से परेशान नगला मया और आसपास के ग्रामीणों ने पहले भी 37 दिन तक धरना प्रदर्शन किया था। तब डीएम एसडीएम और विधायक के द्वारा 2 माह में समस्या समाधान का आस्वासन दिया गया था लेकिन 3 माह निकल जाने बाद भी जब ग्रामीणों को मीठा पानी नहीं मिला तो सरकार और प्रशासन की वादा खिलाफी के कारण ये ग्रामीण फिर आंदोलन की राह पर उतर आये है। अब इन ग्रामीणों को सरकार से पानी की कोई उम्मीद नही है। इसलिए अब यह लोग भगवान के आगे आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। वही शासन प्रशासन की बुद्धी शुद्धि के लिए यज्ञ भी कर रहे हैं। साथ ही खारे पानी की समस्या से ग्रस्त पंचायतों ने पानी नही तो वोट नहीं के गाँव-गाँव में बैनर लगा दिए है। ग्रामीणों की माने तो कितना भी जरूरी काम हो कही भी बाहर जाना हो पर जा नहीं पाते है। जाने से पहले पीने के पानी की व्यवस्था करके जाना पड़ता है। देर सवेर लड़कियों को काफी दूर से पानी भरकर लाना पड़ता है। अगर इनके साथ कोई घटना हो जाए तो कौन जिम्मेद्दार होगा । अब देखना यह होगा की प्रशासन इन ग्रामीणों की समस्या खत्म करवाकर इनका अनशन समाप्त करवाएगा या ग्रामीणों का ये अनशन जारी रहेगा।


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