हाथरस/सासनी। गांव हर्दपुर में भव्य कलश शोभयात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ किया गया। कलश यात्रा के बाद आचार्य गोपाल जी महाराज ने धुंधकारी और गोकण की कथा का रोचक वर्णन किया।
मंगलवार को आचार्य गोपाल जी महजराज ने बताया धुं्रधकारी एक आतंकी स्वभाव और गोकर्ण प्रभु भक्ति में लीन रहने वाले थे। धुंधकारी को मौत के बाद मोक्ष नहीं मिला तो आकाशवाणी द्वारा सूचित करने पर गोकर्ण ने श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया। जिसे धुंधकारी की आत्मा ने एक बांस में बैठकर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण किया। जिसे सुन धंुधंकारी को मोक्ष प्राप्त हुआ। कथा का भावार्थ बताते हुए आचार्य ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा ही मोक्ष का सुलभ मार्ग है। इस दौरान राजा परीक्षित बने नीरज पाराशर, आचार्य महेन्द्र शर्मा, डा0 महेश भारद्वाज, संुदर सिह, हरिओम पाराशर, गिर्राज, मनीष शर्मा, प्रेम पारशर, राजू तोमर, लालता शर्मा, शुभम, कृष्ण कुमार, आदि मौजूद थे।
मंगलवार को आचार्य गोपाल जी महजराज ने बताया धुं्रधकारी एक आतंकी स्वभाव और गोकर्ण प्रभु भक्ति में लीन रहने वाले थे। धुंधकारी को मौत के बाद मोक्ष नहीं मिला तो आकाशवाणी द्वारा सूचित करने पर गोकर्ण ने श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया। जिसे धुंधकारी की आत्मा ने एक बांस में बैठकर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण किया। जिसे सुन धंुधंकारी को मोक्ष प्राप्त हुआ। कथा का भावार्थ बताते हुए आचार्य ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा ही मोक्ष का सुलभ मार्ग है। इस दौरान राजा परीक्षित बने नीरज पाराशर, आचार्य महेन्द्र शर्मा, डा0 महेश भारद्वाज, संुदर सिह, हरिओम पाराशर, गिर्राज, मनीष शर्मा, प्रेम पारशर, राजू तोमर, लालता शर्मा, शुभम, कृष्ण कुमार, आदि मौजूद थे।



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