हाथरस। पवित्रता ही सुख शान्ति की जननी है। आज कलियुग में पवित्रता का खण्डन होने से ही संसार में दुःख अशान्ति बढी है। वर्तमान के साथ ही भविष्य का सम्बन्ध है। अगर आज कर्मों में श्रेष्ठता है तो भविष्य उज्जवल ही होगा, जो करेगा वह पायेगा, यही कर्मों का हिसाब किताब है, यही गीता का सच्चा ज्ञान है। काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार आदि बुराईयों से युद्ध में विजयी होना महावीर है। अब इस युद्ध में समय नहीं गंवाओ, विजयी बनो, विजयी ही सूर्यवंशी बनंेंगे। यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के अलीगढ़ रोड स्थित आनन्दपुरी सेवा केन्द्र द्वारा हसायन में गीता पाठशाला के शुभारम्भ के अवसर पर बीके शान्ता बहिन ने व्यक्त किये।
सबसे पहले आगंतुकों का स्वागत पुष्पों द्वारा किया गया। प्रातःकालीन ज्ञान-योग अध्ययन, श्रवणोपरान्त उपस्थित श्रद्धालुओं को रक्षासूत्र बाँधा गया। ब्लाॅक पर शिव दर्शन आध्यात्मिक प्रदर्शनी एवं व्यसन मुक्ति प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आध्यात्मिक प्रदर्शनी के माध्यम से सर्व धर्म सम्प्रदाय के इष्ट निराकार परमपिता परमात्मा शिव एवं आत्मावलोकन केशवदेव द्वारा कराया गया। इस अवसर पर मेरा भारत व्यसन मुक्त भारत अभियान के तहत लोगों को नशे की बीमारी से बचे रहने की युक्ति तथा इनसे होने वाली हानियों की चर्चा की तथा लोगों को नशे का जीवन से त्याग कर व्यसनों का दान देने का आव्हान किया गया।
कार्यक्रम में पूर्व सहायक कोषाधिकारी दाऊदयाल अग्रवाल, रामपुर की बीके मीना, यशोदा, उमा, हसायन की राजयोग शिक्षिका बी.के. नीतू, लवली, तनु, ओमप्रकाश, जूलियस, शिवकुमार, सोनू, हरवंश, हेवेन्द्र, भवतेन्द्र, शशि, रूचि, केशव, मानिकचन्द, सरस्वती आदि का सहयोग सराहनीय रहा। सहयोगियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
सबसे पहले आगंतुकों का स्वागत पुष्पों द्वारा किया गया। प्रातःकालीन ज्ञान-योग अध्ययन, श्रवणोपरान्त उपस्थित श्रद्धालुओं को रक्षासूत्र बाँधा गया। ब्लाॅक पर शिव दर्शन आध्यात्मिक प्रदर्शनी एवं व्यसन मुक्ति प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आध्यात्मिक प्रदर्शनी के माध्यम से सर्व धर्म सम्प्रदाय के इष्ट निराकार परमपिता परमात्मा शिव एवं आत्मावलोकन केशवदेव द्वारा कराया गया। इस अवसर पर मेरा भारत व्यसन मुक्त भारत अभियान के तहत लोगों को नशे की बीमारी से बचे रहने की युक्ति तथा इनसे होने वाली हानियों की चर्चा की तथा लोगों को नशे का जीवन से त्याग कर व्यसनों का दान देने का आव्हान किया गया।
कार्यक्रम में पूर्व सहायक कोषाधिकारी दाऊदयाल अग्रवाल, रामपुर की बीके मीना, यशोदा, उमा, हसायन की राजयोग शिक्षिका बी.के. नीतू, लवली, तनु, ओमप्रकाश, जूलियस, शिवकुमार, सोनू, हरवंश, हेवेन्द्र, भवतेन्द्र, शशि, रूचि, केशव, मानिकचन्द, सरस्वती आदि का सहयोग सराहनीय रहा। सहयोगियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।


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