हाथरस। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में बागला इण्टर कालेज में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा और आत्मनिर्भर बनाने के लिये समाज में जागरूकता लाने पर जोर दिया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के नोडल अधिकारी एवं प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय अल्ला रक्खे खान ने विधिक साक्षरता शिविर का शुभारम्भ किया। श्री खान ने ’’हर मील के पत्थर पर लिख दो ये इबारत, मंजिल नहीं मिलती है नाकाम इरादों से’’ पंक्तियाॅ व्यक्त करते हुए समाज में बालिकाओं से भेदभाव अपनाने की बजाये उन्हें शिक्षित और संस्कारित करने पर जोर दिया। उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढाओ नारे को सार्थक करने तथा विकलांग,गरीब और कमजोर बेटियों के साथ कतई भेदभाव न करने हेतु लोगों का आव्हान किया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गौरव कुमार ने बालिकाओं को भारतीय पंरपरा के अनुसार शिक्षा दीक्षा देने के लिये विद्यालय के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने लोगों की विकृत मानसिकता और विषम परिस्थितियों में महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिये अपनाने वाले जरूरी कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विधिक सेवा प्राधिकरण तथा लोक अदालत के उद्देश्य की जानकारी देते हुए इसका लाभ उठाने के लिये लोगों का आव्हान किया।
सिविल जज वरिष्ठ प्रभाग तथा सचिव प्राधिकरण डा0 शालिनी सिंह ने फैमिली कोर्ट एक्ट, पोस्को एक्ट आदि के बारे में विधिक जानकारी दी और कन्या भ्रूण हत्या पर अंकुश लगाने के लिये जोर दिया। उन्हांेने लोगों से कहा कि वह अपनी बेटियों को बेटों के बराबर का दर्जा देकर मिसाल कायम करें।
वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश कुमार शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन करते हुये बताया कि मुख्य न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार, विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से जनजागरूकता एवं जनकल्याण को ध्यान में रखकर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी डा0 राम प्रवेश ने विभागीय योजनाओं तथा बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा के बारे में विचार व्यक्त किये। उन्हांेने कहा कि भ्रूण हत्या का मुख्य कारण दहेज है। उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष योजना के बारे में जानकारी दी। जिला विद्यालय निरीक्षक जेके मलिक ने सभी शिक्षक-शिक्षकाओं से कहा कि वह स्कूलों में बच्चों को पांच मिनट के लिए बेटी बचाओ बेटी पढाओ के बारे में जानकारी देनी चाहिए। प्रधानाचार्य डा0 दिलीप अमौरिया ने कहा कि बेटांे से अच्छी बेटियां होती है, बेटियों को भी बेटों के समान बराबर का दर्जा दिया जाना चाहिए।
कालेज के प्रधानाचार्य डा0 राजेश कुमार शुक्ला, प्रवक्ता जितेन्द्र सिंह, संजीव सेंगर, शाकिर शाकिर अली, ज्ञानेन्द्र कुमार आदि ने कार्यक्रम में मौजूद अतिथियों को पुष्प भेंटकर स्वागत किया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के नोडल अधिकारी एवं प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय अल्ला रक्खे खान ने विधिक साक्षरता शिविर का शुभारम्भ किया। श्री खान ने ’’हर मील के पत्थर पर लिख दो ये इबारत, मंजिल नहीं मिलती है नाकाम इरादों से’’ पंक्तियाॅ व्यक्त करते हुए समाज में बालिकाओं से भेदभाव अपनाने की बजाये उन्हें शिक्षित और संस्कारित करने पर जोर दिया। उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढाओ नारे को सार्थक करने तथा विकलांग,गरीब और कमजोर बेटियों के साथ कतई भेदभाव न करने हेतु लोगों का आव्हान किया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गौरव कुमार ने बालिकाओं को भारतीय पंरपरा के अनुसार शिक्षा दीक्षा देने के लिये विद्यालय के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने लोगों की विकृत मानसिकता और विषम परिस्थितियों में महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिये अपनाने वाले जरूरी कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विधिक सेवा प्राधिकरण तथा लोक अदालत के उद्देश्य की जानकारी देते हुए इसका लाभ उठाने के लिये लोगों का आव्हान किया।
सिविल जज वरिष्ठ प्रभाग तथा सचिव प्राधिकरण डा0 शालिनी सिंह ने फैमिली कोर्ट एक्ट, पोस्को एक्ट आदि के बारे में विधिक जानकारी दी और कन्या भ्रूण हत्या पर अंकुश लगाने के लिये जोर दिया। उन्हांेने लोगों से कहा कि वह अपनी बेटियों को बेटों के बराबर का दर्जा देकर मिसाल कायम करें।
वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश कुमार शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन करते हुये बताया कि मुख्य न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार, विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से जनजागरूकता एवं जनकल्याण को ध्यान में रखकर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी डा0 राम प्रवेश ने विभागीय योजनाओं तथा बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा के बारे में विचार व्यक्त किये। उन्हांेने कहा कि भ्रूण हत्या का मुख्य कारण दहेज है। उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष योजना के बारे में जानकारी दी। जिला विद्यालय निरीक्षक जेके मलिक ने सभी शिक्षक-शिक्षकाओं से कहा कि वह स्कूलों में बच्चों को पांच मिनट के लिए बेटी बचाओ बेटी पढाओ के बारे में जानकारी देनी चाहिए। प्रधानाचार्य डा0 दिलीप अमौरिया ने कहा कि बेटांे से अच्छी बेटियां होती है, बेटियों को भी बेटों के समान बराबर का दर्जा दिया जाना चाहिए।
कालेज के प्रधानाचार्य डा0 राजेश कुमार शुक्ला, प्रवक्ता जितेन्द्र सिंह, संजीव सेंगर, शाकिर शाकिर अली, ज्ञानेन्द्र कुमार आदि ने कार्यक्रम में मौजूद अतिथियों को पुष्प भेंटकर स्वागत किया।


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