हाथरस/सासनी। दो दिन पूर्व तहसील परिसर में डीएम दिवस के बाद लेखपाल और वकील में हुए विवाद को लेकर अब लेखपाल भी दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। इसे लेकर लेखपालों ने तहसील परिसर में एक बैठक आहूत कर घटना की घोर निंदा की। आज उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ एवं उप शाखा की आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता कर रहे संघ के अध्यक्ष रामकिशन सिंह ने कहा कि सात जून को वकील देवजीत, प्रशांत व योगेश कुमार एवं राजेश कुमार द्वारा लेखपालों से की मारपीट जैसी घटना घोर निंदनीय कृत्य हैं। साथ ही बैठक में लेखपालों ने निर्णय लिया कि जब तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तब तक वे सभी कार्यों का बहिष्कार करेंगे तथा संघ इस प्रकार के कृत्यों को किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं करेगा। दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो संघ आगे की रणनीति बनाने को मजबूर होगा। बैठक में ऐजाज मेंहदी हसन, शिव कुमार, लखपत सिंह, विजय कुमार, दिनेश सिंह, जनरल सिंह, सुरेश बाबू, राजकुमार, जगन्नाथ प्रसाद, बादाम सिंह, प्रेमपाल सिंह, मनोज कुमार, कृष्ण मोहन, रामचंद पांडेय, तेजवीर सिंह आदि मौजूद थे। वहीं दूसरी ओर वकील भी अपनी हट पर अड़े हुए हैं। वकीलों का कहना है कि कोतवाली पुलिस एकतरफा रिपोर्ट दर्ज कर वकीलों के साथ अन्याय कर रही है। जब कि लेखपाल शंकर सिंह के साथ मारपीट जैसी कोई बात नहीं हुई है। किसी काम को लेकर केवल मुंहवाद हुआ है। जिसके कारण वकील देवजीत का उच्च रक्तचाप बढ़ गया और वह बेहोश हो गये। जिनका उपचार प्राईवेट चिकित्सक के यहां चल रहा है। फिलहाल देवजीत शर्मा की हालत में सुधार है। वकील कोतवाली में रिपोर्ट न होने के कारण धरने पर बैठे हैं। वकीलों का आरोप है कि जब तक कोतवाली में वकीलों की ओर से लेखपालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं हो जाती तब तक वे सभी कार्यों का बहिष्कार करेंगे। धरने पर बैठे वकीलों में पंकज शर्मा, मनवीर सिंह, प्रशांत पाठक, योगेश शर्मा, राजेश कुमार आदि शामिल हैं
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