हाथरस। सावन कृपाल रूहानी मिशन की शाखा संत कृपाल आश्रम गौशाला मार्ग से पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी द्वितीय विशाल आध्यात्मिक चेतना यात्रा धूमधाम से निकाली गई। चेतना यात्रा का शुभारम्भ उपजिलाधिकारी सदर अमिताभ यादव के करकमलों द्वारा खुशी और प्रेम के प्रतीक सफेद कबूतर तथा गुब्बारे उड़ाकर एवं वर्तमान के महान संत राजिन्दर सिंह जी महाराज के चित्र पर पुष्प वर्षा करके किया गया।
आध्यात्मिक चेतना यात्रा संत कृपाल आश्रम गौशाला रोड से प्रारम्भ होकर भूरापीर चैराहे से होते हुए चक्की बाजार, नयागंज, नजिहाई बाजार, रामलीला मैदान, सरक्यूलर रोड होते हुए पुनः संत कृपाल आश्रम पर आकर समाप्त हुयी। यात्रा के मुख्य आकर्षण सर्व धर्म एकता मंच, आध्यात्मिक कव्वाली पालकी, बाल सत्संग पालकी, महापुरुषों की मनमोहक झांकी एवं देश के कौने-कौने से पहुंचे हजारों की संख्या के हाथों में प्रेम, एकता और मानवता के सन्देश लिखे तख्ते लेकर संगत एवं अनुयायी रहे। आध्यात्मिक चेतना यात्रा का मुख्य उद्देश्य सर्व समाज को मानवीय गुणों को जानना तथा इस बात के लिए प्रेरित करना कि हम सब एक ही परमात्मा की संतान हैं। हम सभी के अंदर एक ही मालिक का नूर है, जो हम सभी को चेतनता प्रदान करता है। अतः हमें परमात्मा की बनायीं हुए हर जीव जंतु व वस्तु से प्रेम करना चाहिए। आध्यात्मिक चेतना यात्रा की समाप्ति के पश्तात आश्रम में परम संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने ऑडियो वीडियो के माध्यम से सत्संग फरमाया। सतसंग में महाराज जी ने यही सन्देश दिया कि हमें सब से प्रेम करना चहिये, क्योंकि प्रेम के द्वारा ही हम परमात्मा को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।सत्संग के बाद आश्रम पर अटूट लंगर का आयोजन हुआ जिसमें समस्त संगत के द्वारा बड़े ही प्रेम व शांति पूर्वक लंगर पाया गया।
आध्यात्मिक चेतना यात्रा संत कृपाल आश्रम गौशाला रोड से प्रारम्भ होकर भूरापीर चैराहे से होते हुए चक्की बाजार, नयागंज, नजिहाई बाजार, रामलीला मैदान, सरक्यूलर रोड होते हुए पुनः संत कृपाल आश्रम पर आकर समाप्त हुयी। यात्रा के मुख्य आकर्षण सर्व धर्म एकता मंच, आध्यात्मिक कव्वाली पालकी, बाल सत्संग पालकी, महापुरुषों की मनमोहक झांकी एवं देश के कौने-कौने से पहुंचे हजारों की संख्या के हाथों में प्रेम, एकता और मानवता के सन्देश लिखे तख्ते लेकर संगत एवं अनुयायी रहे। आध्यात्मिक चेतना यात्रा का मुख्य उद्देश्य सर्व समाज को मानवीय गुणों को जानना तथा इस बात के लिए प्रेरित करना कि हम सब एक ही परमात्मा की संतान हैं। हम सभी के अंदर एक ही मालिक का नूर है, जो हम सभी को चेतनता प्रदान करता है। अतः हमें परमात्मा की बनायीं हुए हर जीव जंतु व वस्तु से प्रेम करना चाहिए। आध्यात्मिक चेतना यात्रा की समाप्ति के पश्तात आश्रम में परम संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने ऑडियो वीडियो के माध्यम से सत्संग फरमाया। सतसंग में महाराज जी ने यही सन्देश दिया कि हमें सब से प्रेम करना चहिये, क्योंकि प्रेम के द्वारा ही हम परमात्मा को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।सत्संग के बाद आश्रम पर अटूट लंगर का आयोजन हुआ जिसमें समस्त संगत के द्वारा बड़े ही प्रेम व शांति पूर्वक लंगर पाया गया।
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